स्कूल प्रार्थना
आकाश में शांति हो,
जल में शांति हो,
धरती पर शांति हो,
पेड़-पौधों में शांति हो,
सबमें शांति हो,
वह वास्तविक शांति मेरी हो।
मेरा निर्माता मुझे मानसिक शांति दे।
हम शांति और सद्भाव से मिलकर काम करें।’
हमारा अध्ययन सशक्त और फलदायी हो,
हमारे बीच प्रेम और सद्भाव का वास हो।
जहां मन भय रहित हो और सिर ऊंचा रखा हो;
जहाँ ज्ञान मुफ़्त है;
जहां दुनिया संकीर्ण घरेलू दीवारों से टुकड़ों में नहीं बंटी है;
जहाँ शब्द सत्य की गहराई से निकलते हैं;
जहाँ अथक प्रयास पूर्णता की ओर अपनी भुजाएँ फैलाता है;
जहां तर्क की स्पष्ट धारा ने अपना रास्ता नहीं खोया है, मृत आदत की नीरस रेगिस्तानी रेत में।
जहां मन आपके द्वारा आगे बढ़ाया जाता है, विचार और कार्य को
स्वतंत्रता के उस स्वर्ग में विस्तारित किया जाता है, मेरे पिता, मेरे देश को जागने दो।
प्रातःकालीन सभा गीत
यूनेस्को गीत
हम जीतेंगे, हम जीतेंगे
हम किसी दिन जीतेंगे
ओह, मेरे दिल की गहराई में
मुझे विश्वास है
कि हम किसी दिन जीतेंगे।
हम हाथ में हाथ डालकर चलेंगे,
हम किसी दिन हाथ में हाथ डालकर चलेंगे
, ओह, मेरे दिल की गहराइयों में
मुझे विश्वास है कि
हम ऐसा करेंगे। . . . . . . .
हम सब आज़ाद होंगे, हम सब आज़ाद होंगे
हम सब एक दिन आज़ाद होंगे
ओह डीप। . . . . . . .
मैं करता हूं । . . . . . .
हम करेंगे । . . . . .
हम डरे हुए नहीं हैं, हम डरे हुए नहीं हैं,
हम आज डरे हुए नहीं हैं,
हे गहन! . . . . .
मैं करता हूं । . . . . .
हम करेंगे । . . . .
हम अकेले नहीं हैं, हम अकेले नहीं हैं
हम आज अकेले नहीं हैं
ओह डीप। . . . . . .
मैं करता हूं । . . . . . . .
हम होंगे कामयाब एक दिन।